संक्षारण, संक्षारण के प्रकार, निवारण उससे सम्बंधित प्रश्न
संक्षारण
जब किसी धातु के वायुमंडल के संपर्क में रख दिया जाता है। तो उनको नमी और ऑक्सीजन मिलने लगती है। वे धातुएं धीरे धीरे ऑक्साइड, हाइडरॉक्साइड, कार्बोनेट में परिवर्तित होने लगती है। और धातुएं कुछ समय में नष्ट हो जाती है। इसी को संक्षारण या जंग लगना कहते है।
"किसी धातु का वायुमंडल के संपर्क में धीरे धीरे अपघटित होना अन्य यौगिकों सल्फेट, ऑक्साइड, कार्बोनेट सल्फाइड आदि में परिवर्तित होना संक्षारण कहलाता है।"
1. संक्षारण के कारण विश्व के 15% लोह उत्पाद प्रतिवर्ष नष्ट हो जाते है।
2. संक्षारण की प्रक्रिया में ऊर्जा का उत्सर्जन होता है।
3. वायु में उपस्थित मुख्य रूप से ऑक्सीजन O2 नमी तथा Hcl, SO₂, Cl₂ आदि जैसे संक्षारण है।
मुख्यत: संक्षारण को दो भागों में बांटा गया है।
"किसी धातु का वायुमंडल के संपर्क में धीरे धीरे अपघटित होना अन्य यौगिकों सल्फेट, ऑक्साइड, कार्बोनेट सल्फाइड आदि में परिवर्तित होना संक्षारण कहलाता है।"
1. संक्षारण के कारण विश्व के 15% लोह उत्पाद प्रतिवर्ष नष्ट हो जाते है।
2. संक्षारण की प्रक्रिया में ऊर्जा का उत्सर्जन होता है।
3. वायु में उपस्थित मुख्य रूप से ऑक्सीजन O2 नमी तथा Hcl, SO₂, Cl₂ आदि जैसे संक्षारण है।
संक्षारण के प्रकार
1. रासायनिक या शुष्क संक्षारण
2. विद्युत रासायनिक अथवा नम संक्षारण
रासायनिक या शुष्क संक्षारण
विद्युत रासायनिक अथवा नम संक्षारणरासा
जंग लगने अथवा संक्षारण की क्रिया विधि
जब लोहे पे जंग लगाने लगती है, या संक्षारण का निर्माण होता है, तो उससे CO₂ व O₂ जल की बूंदों की एक परत बन जाती है। CO₂ के कारण जल की चालकता बढ़ जाती है। और इसी कारण यह विद्युत अपघटय विलयन का कार्य करना शुरू कर देती है।
CO₂+H₂O→2H⁺CO²₃
संक्षारण निवारण
1. धातु को जल के संपर्क में न आने के लिए धातु की सतह को चिकना रखना|
2. धातु को वायुमंडल या जल के संपर्क आदि से बचाने के लिए उसपे पेंट करना, तेल लगाना तथा ग्रीस आदि की परत चढ़ाना।
3. फॉस्फेट और क्रोमियम लवण जंग रोधी पदार्थ होते है।जो धातुओ को संक्षारण से बचाते है। जिन धातुओ को संक्षारण से बचाना होता है इन पदार्थों को उनके ऊपर चढ़ा देते हैं।
4. मिश्रित धातु के द्वारा संक्षारण को रोका जाता है।
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